स्वतंत्रता के बाद भारत: प ं0 दीनदयाल उपाध्याय India after Independence: Pt. Deendayal Upadhyay

Innovation : The Research Concept ISSN No. 2456–5474 RNI No. UPBIL/2016/68367 VOL- VI * ISSUE- IV * May - 2021 Paper Submission: 03/02/2021, Date of Acceptance: 17/02/2021, Date of Publication: 25/02/2021 पीयूष कुमार श्रीवास्तव पूर्व शोधछात्र, समाजशास्त्र, महात्मा गांधी चित्रक ूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सतना, मध्य प्रदेश, भारत Abstract पण्डित दीनदयाल जी का मानना था कि भारत के विकास के लिए हमें विदेशी नहीं अपितु “भारतीय तकनीकी“ का विकास करना होगा। इसक े लिए हम पष्चिम में हुए तकनीकी ज्ञान विकास का केवल उस सीमा तक लाभ भी ले सकते ह ैं जिस सीमा तक वह हमारे राष्ट्र के ठा ेस विकास के लिए, हमारे संसाधनों, समय व परिस्थितिया ें के अनुकूल हा े। भारत सरकार ने, इस ह ेतु “भारत में निर्मा ण” आवाह्न के द्वारा विदेशी निवेशकर्ता को, भारत में उत्पादन संस्थान ...