Posts

Showing posts with the label राजनीति विज्ञान विभाग

भारत में कामकाजी महिलाओ ं की समस्याएं एवं समाधान: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन Problems and Solutions of Working Women in India: An Analytical Study

Image
  Innovation : The Research Concept  ISSN No. 2456–5474   RNI No. UPBIL/2016/68367  Vol.-6* Issue-6* July- 2021  Paper Submission: 02/07/2021, Date of Acceptance: 18/07/2021, Date of Publication: 22/07/2021 आशा नागर सहायक आचार्य, राजनीति विज्ञान विभाग, राजकीय महाविद्यालय, देवली, टोंक, राजस्थान, भारत                                                    Abstract   वर्तमान युग नई चेतना व जाग्रति का युग ह ै। आज नारी सशक्तिकरण की लहर हर क्षेत्र में चल रही ह ै। 21 वीं सदी की नारी शिक्षा व समय दा ेना ें के महत्व को समझने लगी है ं। इसी जागरूकता क े कारण महिलाए ं शिक्षण संस्थाना ें, अस्पतालों, ब ै ंको, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालया ें, प ्रशासन, सेना, व्यावसायिक संस्थानों, अ ंतरिक्ष, कला, साहित्य, विज्ञान, तकनीकी सभी क्षेत्रा ें मे ं कामकाजी महिला के रूप में सक्रीय भ ूमिका निभा रही है ं। प ्रस्तुत आलेख में भारत में कामकाजी महिलाओं ...

प्राचीन भारतीय चिन्तन मंे स्त्री का स्थान: वाल्मीकीय रामायण के विशेष सन्दर्भ में Place of Woman in Ancient Indian Thought: with Special Reference to Valmikiya Ramayana

Image
 Anthology : The Research  ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-6* Issue-2* May- 2021 Paper Submission: 01/05/2021, Date of Acceptance: 15/05/2021, Date of Publication: 25/05/2021 पुष्पा चैधरी सह आचार्य, राजनीति विज्ञान विभाग, राजकीय कला महाविद्यालय, सीकर, राजस्थान, भारत बरखा सिंह शोध छात्रा, अंग्र ेजी विभाग, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर राजस्थान, भारत                                                      Abstract   प्राचीन भारतीय चिन्तन में स्त्री का े मातृ शक्ति के रुप में पूजने की परम्परा रही ह ै। हालांकि स्मृतिकाल में स्त्रिया ें की स्वतंत्रता एवं प ुरूषा ें के साथ समानता का निशेधकिया गया ह ै। महाकाव्य काल मे सामान्यतः सामाजिक सम्व्यवहारा ें में स्त्रियों के विरूद्ध असमानता या भेदभाव का प ्रतिपादन ...

भारत में प ंचायती राज व्यवस्था: वर्तमान स्थिति का मूल्या ंकन Panchayati Raj System in India: An Assessment of the Present Status

 Anthology : The Research  ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-6* Issue-3* June- 2021 Paper Submission: 04/06/2021, Date of Acceptance: 15/06/2021, Date of Publication: 25/06/2021 बीना राय एसोसिएट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान विभाग आर0जी0 पी0जी0 कॉलेज, मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत शिल्पी रानी शोध छात्रा राजनीति विज्ञान विभाग आर0जी0 पी0जी0 कॉलेज, मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत                                                    Abstract प ंचायती राज की परिकल्पना, स्वरूप एवं उसक े माध्यम से ग्रामीण विकास की अवधारणा नवीन नहीं ह ै। अपितु इसका इतिहास व ैदिक काल से भी प ंचायती राज का अस्तित्व था। प ंचायती राज की घा ेषणा स्वतन्त्र भारत म ें सर्वाधिक महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन आ ैर क्रांतिकारी उपलब्धिया ें में से एक ह ै। प ंचायती राज में जिला, खंड आ ैर ग्राम स्तरों पर लोकता ंत्रिक संस्थाओं की त्रिस्तरीय संरचना शामिल की र्गइ  ह ै। इन संस्थाआ ें का े लोकतंत...

मतदान व्यवहार के अध्ययन के राजनीतिक एवं निर्धा रक तत्व Political and Determinative Elements of The Study of Voting Behavior

  Innovation : The Research Concept  ISSN No. 2456–5474   RNI No. UPBIL/2016/68367 VOL- VI * ISSUE- IV * May - 2021      Paper Submission: 04/06/2021, Date of Acceptance: 15/06/2021, Date of Publication: 25/06/2021   बीना राय एसोसिएट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान विभाग आर0जी0 पी0जी0 काॅलेज, मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत                                                    Abstract   चुनाव किसी भी लोकतंत्र की प ्रक्रिया का एक अनिवार्य अंग हा ेता है जिसमें मतदाता अपनी पसंद के प ्रत्याशी का े वोट करक े उनका चुनाव करते ह ैं। विश्व के अधिकांश देशा ें में सार्वभौम मताधिकार की प ्रक्रिया का े अपनाया गया ह ै। भारत में एक व्यस्क नागरिक का े स्वतंत्र रूप से अपने प ्रतिनिधि का चुनाव करने की स्वतंत्रता प ्रा...

ज ैव विविधताः वैश्विक क्षरण व गहराता संकट

Image
 Anthology : The Research  ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-6* Issue-3* June- 2021 Paper Submission: 03/06/2021, Date of Acceptance: 14/06/2021, Date of Publication: 25/06/2021   रजनी तसीवाल सहायक प्राध्यापक, राजनीति विज्ञान विभाग, राजकीय महाविद्यालय, टोंक राजस्थान, भारत                                                    Abstract   जैव विविधता पर्या वरण व मानव दा ेना ें के लिए महत्वपूर्ण ह ै। यह हमारे लिए खाद्य पदार्थों, ड्रग्स एवं दर्वाइ या ें, सा ैन्दर्या त्मक एव ं सा ंस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हा ेने के साथ-साथ पारिस्थितिकीय दृष्टि से भी लाभदायक ह ै। जैव विविधता मृदा निर्माण, मृदा अपरदन की रोकथाम, अपशिष्ट का पुनः चक्रण आ ैर परागण द्वारा मानव अस्तित्व का आधार बनी र्ह ुइ  ह ै। किन्तु विडम्बना यह ह ...

21 वी शताब्दी में भारत - अमेरिकी संबंध Indo-us Relations in 21st Century

Image
   Innovation : The Research Concept  ISSN No. 2456–5474   RNI No. UPBIL/2016/68367 VOL- VI * ISSUE- IV * May - 2021    Paper Submission: 03/05/2021, Date of Acceptance: 15/05/2021, Date of Publication: 25/05/2021   मह ेन्द्र कुमार पुरा ेहित वरिष्ठ व्याख्याता, राजनीति विज्ञान विभाग, राजकीय आचार्य (पी.जी.) संस्‟त महाविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान, भारत                                                    Abstract   विश्व मे बदलते भ ू-आर्थिक व भ ू-राजनीति के दौर में भारत-अमेरिकी सम्बन्ध नए आयाम में स्थापित हा े रहे ह ैं। व ैश्विक उदारीकरण व बाजार व्यवस्था नीति से अमेरिकी हिता ें की दृष्टि से भारत का महत्व बढ़ता जा रहा ह ै ं। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतिक हिता े का े ध्यान में रखते हुए दोना...

भारतीय संविधान में महिला उत्थान के प्रयास रू सिद्धांत एव ं व्यवहार Principles and Practices for the Effort of Women in Indian Constitution

Image
  Anthology The Research: (ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-9* December-2020)   Paper Submission: 15/12/2020, Date of Acceptance: 26/12/2020, Date of Publication: 27/12/2020   किरण शर्मा  शोधार्थी, राजनीति विज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान, भारत Abstract   संप ूर्ण विश्व में महिला उत्थान एवं महिला अधिकारों के लिए संघर्ष चलता रहा ह ै । इतिहास के प ृष्टा े से देखने पर कुछ महिला हिता ें की धारा को भी देखा जा सकता ह ै। पुरुषों के अधीन रहना महिलाओं ने सहा जरूर है किंतु पूर्णतया इस अधीनता को स्वीकार नही ं किया ह ै। किसी भी देश की प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि स्त्री- प ुरुष दोना ें का अनिवार्य रूप से विकास हो किंतु रूढ़िवादी ढांचे में महिला का े अनेक प्रकार से जकड़ दिया गया था। परंपरागत रूढ़िवादी प्रथाओं के कारण महिलाआ ें की स्थिति और भी दयनीय हा े र्गइ । अतः दयनीय अवस्था से महिलाओं को निजात दिलवाने ह ेतु ठा ेस उपाय के रूप में संव ैधानिक उपबंधा े की सहायता ली गई। The struggle for women's uplift and women's rights has been ...

सावरकर का राजनीतिक चिन्तन और उसकी वर्तमान प्रासंगिकता Savarkar's Political Thinking and Its Current RelevanceAnthology The Research:(ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-10* January-2021) Abstract for full paper please visit below link :

Image
  Anthology The Research: (ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-10* January-2021)   Paper Submission: 15/01/2020, Date of Acceptance: 26/01/2020, Date of Publication: 27/01/2021   तीर्थ  प्रकाश सह प्राध्यापक, राजनीति विज्ञान विभाग, राजकीय महाविद्यालय, मंगलौर, हरिद्वार, उत्तराखण्ड, भारत Abstract   सावरकर आ ैपनिवेशिक काल में निडर क्रान्तिकारी रहे, जिन्हा ेने भारतीय राष्ट्रवाद को हिन्दुत्व की ब ुनियादी अवधारणा के रूप में न केवल प ्रस्तुत किया अपितु उस पर गा ैरन्वित होने के तमाम तर्क आ ैर विश्वासा ें को व्यापक किया। राष्ट्रीय आन्दा ेलन में उनका या ेगदान महत्वपूर्ण था जनसामान्य तक पहुचने में उनके विचारा ें का े लम्बा समय लगा। किन्तु युवा वर्ग आ ैर राजनीतिक सत्ता के गलियारा ें में स्वीकार्यता की तीव्रता ने उन्ह े गा ंधी के समकक्ष ला खडा किया। इसमें र्कोइ  सन्देह नही कि सावरकर का व ैचारिक विमर्श साहस की अदभुत क्षमता आ ैर सत्ता प ्राप्ति के तमाम गुणों से आ ेतप ्रोत ह ै। उनके चिन्तन म ें बह ुसख्यक हितों क े प्रति अपार समर्थ न ह ै, ता े अल्पसं...

पाक अधिकृत कश्मीररू वस्तुस्थिति आ ैर बदलाव Pakistan Occupied Kashmir: Situation and Change

Image
  Anthology The Research: (ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-10* January-2021)   Paper Submission: 15/01/2020, Date of Acceptance: 26/01/2020, Date of Publication: 27/01/2021   श्व ेता सि ंह सहायक प्राध्यापिका, राजनीति विज्ञान विभाग, आइसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग, झारखण्ड, भारत Abstract   अखण्ड भारत मे ं जम्म ू-कश्मीर का क्षेत्र शीर्ष  पर विराजमान ह ै, आ ैर जम्म ू-कश्मीर का े धरती का स्वर्ग कहा जाता है। लेकिन आज की स्थिति ऐसी है, कि कश्मीर में तीन देशों की दखलअंदाजी है, जिसमें भारत, पाकिस्तान आ ैर चीन है। आजादी के बाद हुए युद्ध म ें कश्मीर के दा े टुकड ़े हा े गए- जिसम ें जम्मू-कश्मीर पर भारत तथा कश्मीर के पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सट े ह ुए इलाके पर पाकिस्तान का अधिकार है, यह इलाका पाक अधिकृत कश्मीर के नाम से मशह ूर ह ै। अन ुच्छ ेद 370 जम्मू-कश्मीर आ ैर उसक े नागरिकों का े विशेष दर्जा  प्रदान करता है। भारत में विलय के दा े वर्ष बाद अन ुच्छ ेद 370 का े भारतीय संविधान में 1949 में शामिल किया गया जिसपर कश्मीर क े राजा हरि सि ंह ...