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राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बै ंक के वित्तीय विवरणो ं का विश्लेषण लखनऊ परिमण्डल/क्ष ेत्र के विशेष सन्दर्भ मे ं Financial Statement Analysis of National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD) Special Reference Lucknow Region (Period 01-04-2018 to 31-03-2019)

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 Shrinkhla Ek Shodhparak Vaicharik Patrika  ISSN NO.: 2321-290X RNI : UPBIL/2013/55327 VOL-8* ISSUE-8* April- 2021 Paper Submission: 00/00/2020, Date of Acceptance: 00/00/2020, Date of Publication: 00/00/2020 स ंजीव कुमार शोधार्थी, वाणिज्य विभाग, ए0 के0 पी0 जी. काॅलेज, बी0 आर0 अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, शिकोहाबाद, उत्तर प्रद ेश, भारत गिरिराज कुमार गुप्ता रिटायर्ड प्रिन्सिपल, वाणिज्य विभाग, ए0 के0 पी0 जी. काॅलेज, बी0 आर0 अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, शिकोहाबाद, उत्तर प्रद ेश, भारत                                                    Abstract   राष्ट्रीय कृषि आ ैर ग्रामीण विकास ब ैंक एक ए ेसा ब ैंक ह ै जो ग्रमीणा ें का े उनके विकास एवं आर्थिक रूप से उनकी जीवन स्तर सुधारने के लिए उनका े ऋण उपलब्ध कराती ह ै। ग्रामीण भारत की बैकिंग आवश्यकताएं इस दृष्टि से अनुपम ह ै, कि ऋण आवश्यकताए ं छोटी हा ेती है। और बार-बार लेन देन करना हा ेता है। इस...

चेक बुक शुल्क एव ं स ुविधा Check Book Fee & Facility

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Innovation : The Research Concept  ISSN No. 2456–5474   RNI No. UPBIL/2016/68367 VOL- VI * ISSUE- IV * May - 2021    Paper Submission: 05/05/2021, Date of Acceptance: 20/05/2021, Date of Publication: 22/05/2021   राजपाल सि ंह रावत सहायक प्राध्यापक, वाणिज्य विभाग, राजकीय महाविद्यालय, डोईवाला, द ेहरादून, उत्तराखण्ड, भारत                                                      Abstract   चेक ब ुक सुविधा’, बंैक की प ्रमुख लोकपि ्रय सेवाआ ें में से एक है। भुगतान माध्यमों में च ेक एक सुविधाजनक और सुरक्षित साधन ह ै। कई प ्रसंगा े में, चेक से भ ुगतान करना बाध्यता ह ै। चेक से भुगतान करना सुरक्षित भी ह ै। न्यादर्श  में 360 व्यक्ति व ेतनभोगी वर्ग से थे। ग्राहक वृत में सबसे बड़ा अंश व ेतनभोगी वर्ग ...

औद्या ेगिक विकास मे ं सरकारी योजनाआ ें एवं रियायतों के योगदान का अध्ययन (इन्दौर जिले के संदर्भ में) Study of contribution of government schemes and concessions in industrial development (With reference to Indore District)

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Innovation : The Research Concept  ISSN No. 2456–5474   RNI No. UPBIL/2016/68367 VOL- VI * ISSUE- IV * May - 2021    Paper Submission: 05/04/2021, Date of Acceptance: 23/04/2021, Date of Publication: 25/04/2021   सपना सोनी प्राध्यापक, वाणिज्य विभाग, शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी म.प्र. भारत   मुकेश सस्त्या सहायक प्राध्यापक, वाणिज्य विभाग, शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही, बैत ूल म.प्र. भारत                                                    Abstract आज के प ्रतिस्पर्धात्मक युग में किसी भी व्यवसाय एवं उद्योग की स्थापना, संचालन एव ं विकास के लिये वित्त आवश्यक होता ह ै, जा े कि समस्त व्यावसायिक एव ं औद्योगिक क्रियाओं का मूल आधार है। वित्त के माध्यम स े आ ैद्योगिक विकास प ्रारम...

चेक बुक शुल्क एव स ुविधा Check Book Fee & Facility

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  Innovation : The Research Concept  ISSN No. 2456–5474   RNI No. .UPBIL/2016/68367 VOL- VI * ISSUE- IV * May - 2021    Paper Submission: 05/05/2021, Date of Acceptance: 20/05/2021, Date of Publication: 22/05/2021 राजपाल सि ंह रावत सहायक प्राध्यापक, वाणिज्य विभाग, राजकीय महाविद्यालय, डोईवाला, द ेहरादून, उत्तराखण्ड, भारत                                                    Abstract   चेक ब ुक सुविधा’, बंैक की प ्रमुख लोकपि ्रय सेवाआ ें में से एक है। भुगतान माध्यमों में च ेक एक सुविधाजनक और सुरक्षित साधन ह ै। कई प ्रसंगा े में, चेक से भ ुगतान करना बाध्यता ह ै। चेक से भुगतान करना सुरक्षित भी ह ै। न्यादर्श  में 360 व्यक्ति व ेतनभोगी वर्ग से थे। ग्राहक वृत में सबसे बड़ा अंश व ेतनभोगी वर्ग का ह ै। सर्वेक्षण क्षेत्र की व्यावसायिक संरचना ऐसी है कि वहंा दूसरे व्यवसाय आ ैर उद्योग धंधा ें की न्यूनता ह ै। चेक ब ुक सुविधा के...

कोविड-19 की रोकथाम मे ं आँगनबाडी स ेविकाओ ं की भूमिका- एक विश्लेषण Role pf Anganwadi Workers in Prevention of Covid-19 - An Analysis

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  Anthology The Research: (ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067   VOL- V * ISSUE- V * August - 2020   )   Paper Submission: 14/08/2020, Date of Acceptance: 25/08/2020, Date of Publication: 26/08/2020   प्रभात रंजन शोधार्थी वाणिज्य विभाग, बी0आर0ए0 बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार, भारत Abstract   का ेरा ेना वायरस रा ेग (कोविड-19) एक नया वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रा ेग ह ै। यह बिमारी खाँसी, बुखार आ ैर अधिक गंभीर मामला े में सा ँस लेने मे कठिर्नाइ  जैसे लक्ष्णा े के साथ श्वसन रा ेग (फ्ल ू की तरह) का कारण बनती है। आप अपने हाथा ें का े बार-बार धोकर अपने चेहर े का े छुने से आ ैर किसी भी लोगा ें के साथ निकट संपर्क (01 मीटर) से बचने के द्वारा अपनी रक्षा कर सकते है। का ेविड-19 का े रोकने के लिए प ंचायत स्तर पर व ैश्विक महामारी के चरण में आँगनवाड़ी कार्यकत्र्ती महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कुल 13.77 लाख आँगनवाड़ी क्र ेन्द्र पूरे देश भर में कार्यरत ह ै। बिहार एवं अन्य राज्य के स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता बिना सुरक्षाकिट के बाहरी व्यक्ति क...

उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास मे ं लघु एवं कुटीर उद्योग की भ ूमिका Role of Small and Cottage Industries in Economic Development of Uttar Pradesh

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Anthology The Research: (ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-10* January-2021)   Paper Submission: 15/01/2020, Date of Acceptance: 26/01/2020, Date of Publication: 27/01/2021   सौरभ कुमार गुप्ता शोधार्थी, वाणिज्य विभाग, श्री महंन्थ रामाश्रय दास पीजी कॉलेज, भुडकुडा, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश, भारत Abstract     उत्तर प्रदेश के आर्थि क विकास में लघ ु उद्या ेग एवं कुटीर उद्योग आर्थिक विकास की प्रक्रिया को तीव ्रतर करने एव ं आत्मनिर्भरता का े बढ़ाने म ें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते ह ैं। राष्ट्रीय जीवन के सर्वा ंगीण विकास की दृष्टि से इन उद्योगा ें का पक्ष निर्विवाद रूप से बहुत सशक्त है, यह हमारी उन समस्त शक्तियों का े विकसित करने का क्षेत्र प्रदान करते ह ैं, जिनके द्वारा राष्ट्र का विकास संभव हो जाता ह ै प्रदेश में लघ ु उद्या ेग धंधा ें का विकास प्रदेश की बढ़ती हुई ब ेरा ेजगारी तथा कृषि पर जनसंख्या के दबाव को कम करने की दृ ष्टि से बहुत सहायक ह ै, वाराणसी का कालीन उद्योग, साड़ी उद्योग, दियासलाई उद्योग, रेशम उद्या ेग, मिर्जापुर का गलीचा उद्योग, वाराणसी तथा म...

महिला बीड़ी श्रमिको ं की आर्थिक समस्याए ं: एक अध्ययन (रीवा संभाग के विशेष संदर्भ मे ं) Economic Problems of a Female Bidi Worker: A Study (With Special Reference to Rewa Division)

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  Anthology The Research: (ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-10* January-2021) Paper Submission: 15/01/2021, Date of Acceptance: 26/01/2021, Date of Publication: 27/01/2021 अनुज पाण्ड ेय गेस्ट फैकल्टी, वाणिज्य विभाग, शासकीय ठाक ुर रणमत सिंह महाविद्यालय, रीवा, म.प्र., भारत Abstract           बीड़ी उद्योग इतना विशाल आ ैर व्याप्त ह ै यह इसके क्रमिक विकास पर परिचायक ह ै। बीड़ी निर्माताआ ें द्वारा जिले में बीड़ी का निर्मा ण करवाया जाता ह ै। श्रमिकों को देंतूपत्ता जिसका उपयोग रैपर बनाने में किया जाता है। तम्बाकू तथा धागा उपलब्ध करवाया जाता ह ै। शा ेषण से मुक्ति ह ेतु इसकी कीमतों का निर्धा रण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। निर्धारित दरा ें पर बीड़ी उत्पादकों का े कच्चे माल की आप ूर्ति की जाती ह ै। जिले में बीड़ी उद्योग व्यवसाय पर आधारित ह ै जो प ंजीकृत एवं गैर प ंजीकृत बीडी उद्या ेग ह ै, जिले में बीड ़ी का उत्पादन निजी पारिवारिक स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ व्यवसाय के लिए बीड ़ी उत्पादन किया जाता है। The beedi industry i...