उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास मे ं लघु एवं कुटीर उद्योग की भ ूमिका Role of Small and Cottage Industries in Economic Development of Uttar Pradesh
Anthology The
Research:(ISSN: 2456–4397 RNI
No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-10* January-2021)
सौरभ कुमार गुप्ता
शोधार्थी,
वाणिज्य विभाग,
श्री महंन्थ रामाश्रय दास पीजी
कॉलेज,
भुडकुडा, गाजीपुर,
उत्तर प्रदेश, भारत
शोधार्थी,
वाणिज्य विभाग,
श्री महंन्थ रामाश्रय दास पीजी
कॉलेज,
भुडकुडा, गाजीपुर,
उत्तर प्रदेश, भारत
Abstract
आर्थिक विकास की प्रक्रिया को तीव ्रतर करने एव ं आत्मनिर्भरता का े बढ़ाने म ें
महत्वपूर्ण भूमिका निभाते ह ैं। राष्ट्रीय जीवन के सर्वा ंगीण विकास की दृष्टि से
इन उद्योगा ें का पक्ष निर्विवाद रूप से बहुत सशक्त है, यह हमारी उन समस्त
शक्तियों का े विकसित करने का क्षेत्र प्रदान करते ह ैं, जिनके द्वारा राष्ट्र का
विकास संभव हो जाता ह ै प्रदेश में लघ ु उद्या ेग धंधा ें का विकास प्रदेश की
बढ़ती हुई ब ेरा ेजगारी तथा कृषि पर जनसंख्या के दबाव को कम करने की दृ
ष्टि से बहुत सहायक ह ै, वाराणसी का कालीन उद्योग, साड़ी उद्योग,
दियासलाई उद्योग, रेशम उद्या ेग, मिर्जापुर का गलीचा उद्योग, वाराणसी तथा
मुरादाबाद का पीतल उद्या ेग, फिरा ेजाबाद का चूड़ी उद्या ेग, जा ैनपुर का कताई
मील आदि लघ ु एव ं कुटीर उद्या ेगा ें के ऐसे उदाहरण ह ैं। जिनकी मार्ग विदेशों
में अत्यधिक ह ै, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में इन वस्तुओं की मांग आज भी बनी हुई
ह ै, इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिला ें में भी अनेक प्रकार के हस्तशिल्प
उद्या ेगा ें का विकास हुआ है।
महत्वपूर्ण भूमिका निभाते ह ैं। राष्ट्रीय जीवन के सर्वा ंगीण विकास की दृष्टि से
इन उद्योगा ें का पक्ष निर्विवाद रूप से बहुत सशक्त है, यह हमारी उन समस्त
शक्तियों का े विकसित करने का क्षेत्र प्रदान करते ह ैं, जिनके द्वारा राष्ट्र का
विकास संभव हो जाता ह ै प्रदेश में लघ ु उद्या ेग धंधा ें का विकास प्रदेश की
बढ़ती हुई ब ेरा ेजगारी तथा कृषि पर जनसंख्या के दबाव को कम करने की दृ
ष्टि से बहुत सहायक ह ै, वाराणसी का कालीन उद्योग, साड़ी उद्योग,
दियासलाई उद्योग, रेशम उद्या ेग, मिर्जापुर का गलीचा उद्योग, वाराणसी तथा
मुरादाबाद का पीतल उद्या ेग, फिरा ेजाबाद का चूड़ी उद्या ेग, जा ैनपुर का कताई
मील आदि लघ ु एव ं कुटीर उद्या ेगा ें के ऐसे उदाहरण ह ैं। जिनकी मार्ग विदेशों
में अत्यधिक ह ै, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में इन वस्तुओं की मांग आज भी बनी हुई
ह ै, इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिला ें में भी अनेक प्रकार के हस्तशिल्प
उद्या ेगा ें का विकास हुआ है।
Small industries and cottage industries play an important role in
speeding up the process of economic development and increasing selfreliance in Uttar Pradesh's economic development. The aspect of these
industries is undeniably very strong from the point of view of all-round
development of national life, it provides the area to develop all our powers
through which the development of the nation becomes possible.
Development of small scale industries in the state Is very helpful in terms
of increasing unemployment and reducing population pressure on
agriculture, carpet industry of Varanasi, Sari industry, match industry, silk
industry, carpet industry of Mirzapur, brass industry of Varanasi and
Moradabad, Bangle industry of Firozabad , Jaunpur's spinning miles, etc.
are such examples of small and cottage industries. The demand for these
items in international trade, whose route is excessive in foreign countries,
is still present today, along with this many other handicrafts industries
have also developed in other districts of the state
for full paper please visit below link :
http://socialresearchfoundation.com/upoadreserchpapers/7/407/2103231259181st%20saurav%20kumar%20gupta%2013530.pdf
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