मन्नू भंडारी के साहित्य में संवेदना (Condolences in the literature of Manu Bhandari)

Innovation The Research Concept:(ISSN: 2456–5474 RNI No.UPBIL/2016/68367 Vol.-5* Issue-12* January- 2021)
Paper Submission: 15/01/2021, Date of Acceptance: 27/01/2021, Date of Publication: 28/01/2021


Abstract

 ईश्वर सिंह 

अध्यापक,

शिक्षा विभाग,

रा. उ. प्रा. विद्यालय,

चाँदबासनी, डीडवाना (नागौर) राजस्थान, भारत

जब का ेई रचनाकार कृति की रचना करता है तो उसका मुख्य
उद्देश्य हा ेता ह ै अपनी अनुभूति एवं मनः तव्य को श्रोता या पाठक के सामने
रखना। लेखक अपने विचारों का सम्प्रेषण रचना के माध्यम से करता ह ै एवं
कथाकार अप ेक्षाकृत अधिक संव ेदनशील एव ं भाव ुक होता ह ै। अतः वह अपनी
युग परिस्थितियों से प ्रभावित हा ेता ह ै। कथाकार युगीन परिवेश के आधार पर
अपने विचार रोचकता एवं कलात्मकता के साथ रचना में अभिव्यक्त करता ह ै।
युग परिवेश की प ्रतिक्रिया स्वरूप जब लेखक के मन म ें भाव जागृत होता है
तब चिन्तन की प्रक्रिया के साथ वह भावना संवेदना में परिणित हो जाती है ।
वही संव ेदना क ृति में अभिव्यक्त हो जाती है।
एक सफल कथाकार अपने विचार विशेष का े वस्तु पात्र और परिवेश
के सा ँचे में ढाल कर प ्रकट करता ह ै यही कथा कृति की संव ेदना कहलाती है
। वृहद् हिन्दी कोष में संव ेदना को इस प्रकार परिभाषित किया गया है -
श्किसी पदार्थ  या वस्तु को अनुभव करने की वह गहर्राइ  है जा े नवलेखन में
बह ुत चर्चित होती ह ै , संव ेदना कहलाती ह ै ।

        When a creator creates a work, his main objective is to put his experience and mind in front of the listener or reader. The author communicates his thoughts through composition and the narrator is more sensitive and emotional. Hence, he is influenced by his age circumstances. The narrator expresses his ideas in the composition with interestingness and artistry based on the epoch environment. When the emotion in the writer's mind is awakened in response to the era, then with the process of thinking, that feeling gets converted into sensation. The same sensation is expressed in the work. A successful storyteller reveals his ideas in the form of objects and surroundings, this story is called the sensation of the work. In the larger Hindi dictionary, sensation is defined as this - the depth of feeling of a substance or object which is very much discussed in the new writing is called sensation.

for full paper please visit below link :

http://www.socialresearchfoundation.com/upoadreserchpapers/6/405/2102170507521st%20ishwar%20singh%2013523.pdf


Comments

Popular posts from this blog

गृह प्रबन्ध में बचत की आव‛यकता और महत्व The Need and Importance of Saving In Home Management

Management of Cytotoxic Drugs And Related Wastes Disposal

Utilization of Information Sources By Farmers