मन्नू भण्डारी के उपन्यासों में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का स्वरूप और आलोच्य उपन्यासों का संक्षिप्त परिचय (Nature of Social and Political Consciousness in The Novels of Mannu Bhandari and Brief Introduction of The Novels Under Review)

Anthology The Research:(ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-10* January-2021)
Paper Submission: 15/01/2021, Date of Acceptance: 27/01/2021, Date of Publication: 28/01/2021

Abstract


 ईश्वर सिंह 

अध्यापक,

शिक्षा विभाग,

रा. उ.प्रा. विद्यालय,

चाँदबासनी, डीडवाना (नागौर) राजस्थान, भारत

हिन्दी साहित्य जगत् में अन्य गद्य विद्याओं की तरह उपन्यास का

प ्रादुर्भाव भी अ ंग्र ेजी साहित्य के अनुसार ही हुआ ह ै। हिन्दी में उपन्यास अंग्र ेजी

भाषा के २नाव ेल‟ का ही रूपांतरण ह ै । प्रारम्भ में अ ंगे्रजी के प ्रभाव से ब ंगला

उपन्यासा ें की रचना र्ह ुइ । इसका परिणाम यह हुआ है कि हिन्दी के अनेक

लेखक ब ंगला के उपन्यास साहित्य से बह ुत प ्रभावित ह ुए। बंगला के अनेक

उपन्यासा ें का हिन्दी में अनुवाद ह ुआ । इस प्रसंग में आचार्य रामचन्द्र श ुक्ल ने

लिखा ह ै - २२इस उत्थान के भीतर ब ंकिमचन्द्र, रमेशचन्द्र, चंडीचरण सेन, शरत्

बाबू, चारूचन्द्र इत्यादि ब ंगला भाषा के प ्रायः सब प्रसिद्ध-प्रसिद्ध उपन्यासकारों

की बह ुत सी पुस्तकों के अनुवाद ता े हो ही गये, रवीन्द्र बाबू के भी २आंख की

किरकिरी‟ आदि कई उपन्यास हिन्दी रूप में दिखाई पड़े, जिनक े प ्रभाव से इस

उत्थान के अ ंत में आविर्भूत हा ेने वाले हिन्दी के उपन्यासकारों का आदर्श बह ुत

कुछ ऊंचा ह ुआ। श्

1.आधुनिक हिन्दी साहित्य जगत् में मना ेवैज्ञानिक, व्यक्तिवाद, अति

यथार्थ वाद, कुण्ठावाद और यथार्थ वाद की विकृति, प्रकृतिवाद, सामाजिक तथा

राजनीतिक आदि कतिपय साहित्य का े प ्रेमचन्द- युग के साहित्य से भिन्न कर

देते ह ै।

श्प ्र ेमचन्द ने हिन्दी उपन्यासों का े एक सर्वथा नवीन दिशा प ्रदान की

आ ैर उसे श ैशवावस्था से निकाल कर प ्रगति और विकास की आ ैर उन्मुख

किया, अतः इन्हीं के आधार पर काल-विभाजन तर्क संगत माना जाता ह ै।

           Like other prose schools in the Hindi literature world, the novel has also emerged according to English literature. The novel in Hindi is an adaptation of English-language Shnavalesh. Initially, Bengali novels were created with the influence of English. As a result, many Hindi writers were greatly influenced by Bangla's novel literature. Many novels of Bangla were translated into Hindi. In this context, Acharya Ramchandra Shukla has written - Within this rise, Bankim Chandra, Ramesh Chandra, Chandicharan Sen, Sharat Babu, Charuchandra etc. Almost all the famous books of famous and famous novels of Bengali language have been translated, even Ravindra Babu Many novels such as Sankhya's Kirikrishish appeared in Hindi form, due to which the influence of Hindi novelists who emerged at the end of this rise has raised a lot. Sh 1 In modern Hindi literature world, psychological, individualism, hyperrealism, frustration and distortion of realism, naturalism, social and political etc. differentiate certain literature from Premchand-era literature. Shpremchand gave a completely new direction to Hindi novels and moved them out of infancy and oriented them towards progress and development, hence on the basis of these, time-division is considered logical.2

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