जनजातिय समुदाय की विविध समस्याए ं एव ं उनका समाधान (उदयपुर संभाग के सम्बन्ध मे ं) Diverse Problems of Tribal Communities and Their Solutions (In Relation To Udaipur Division)
Anthology The Research:(ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-8* November-2020)
वीणा सनाढ्य
सहायक निदेशक,
काॅलेज शिक्षा,
उदयपुर, राजस्थान, भारत
सहायक निदेशक,
काॅलेज शिक्षा,
उदयपुर, राजस्थान, भारत
Abstract
रहे ह ैं। आज भी बड़ी संख्या में समाज से कटे यह लोग जंगलों व पहाड़िया ें म ें
निवास करते हैं जिन्हें जनजाति आदिवासी या ट्राइबल कहा जाता है।
राजस्थान का जनजाति संख्या की दृष्टि से भारत में पांचवा स्थान ह ै दक्षिणी
भूभाग डूंगरपुर बांसवाड़ा व उदयप ुर जिले के कुछ भाग में यह सदिया ें से रहते
आए ह ैं, इनमें भील, मीणा गरासिया एडामोर आदि जनजातियां प्रमुख है यह
सभी जनजाति उपयोजना क्षेत्र में आती ह ै ं जा े विभिन्न प्रकार की आंतरिक व
बाह्य समस्याओं से ग्रसित ह ै ं क्षेत्र में सुविधाआ ें का अभाव होने से गरीबी म ें
जकड़े ह ुए ह ैं ऋणग्रस्तता प्रमुख समस्या ह ैए अन्य सामाजिक समस्याए ं तो है
ही पर अनेक सरकारी या ेजनाए ं व स्वयंसेवी समूह इसमें सक्रिय ह ैं ताकि
समस्याओं का निराकरण हा े सके। वर्तमान शोध इसी विषय पर उदयप ुर जिले
के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया ह ै ।ं
There are some groups in Rajasthan that have stayed away from
other societies since the beginning. Even today, a large number of
people, who are cut off from the society, live in the forests and hills, which
are called tribals or tribals. The tribe of Rajasthan is the fifth place in India
in terms of numbers, in the southern part of Dungarpur Banswara and
Udaipur district, it has been living for centuries, among these Bhil, Meena
Garasia Edamor etc. tribes are prominent.All these tribes fall in the sub
plan area which are different There are types of internal and external
problems, due to lack of facilities in the area, people are stuck in poverty,
indebtedness is the main problem, there are other social problems, but
many government schemes and volunteer groups are active in it so that
the problems can be resolved. The present research is presented in the
context of Udaipur district on this subject.
for full paper
please visit below link :
http://www.socialresearchfoundation.com/upoadreserchpapers/7/391/2012180605361st%20veena%20sanadhya.pdf
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