आदिवासियो ं मे ं गोदना स ंस्कारऋ एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण Tattoo Sacrament In Tribes _ One Scientific Vision"

 Anthology The Research:(ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-8* November-2020)

 Paper Submission: 15/11/2020, Date of Acceptance: 26/11/2020, Date of Publication: 28/11/2020





प्रियंका साह ू
सहायक प्रोफेसर
इतिहास विभाग,
गवर्नमेंट मॉडल कॉलेज,
शाहपुरा, डिंडोरी, भारत

 

Abstract

 आदिवासियों में गा ेदना भले ही एक श्रृंगार परक संस्कार प्रतीत होता
ह ै, परंतु यह अपने अ ंदर विविध दृष्टिका ेणों का े समाहित किया ह ुआ ह ै।
सुरक्षात्मक दृष्टिकोण में जहा ं गोदना वह अभिव्यक्ति ह ै जा े जाति चिन्हों के रूप
में व्यक्ति का े सुरक्षा भाव में संप ृक्त करता ह ै। वही ं सामाजिक दृष्टिकोण में यह
समुदाय से जुड़ाव की भावनाए समाज में सम्मान प्राप्ति की अवधारणाएं सा ैंदर्य
व ृद्धि की अवधारणा, तथा अलौकिक मान्यताओं व विश्वास से संब ंधित ह ै।
पारंपरिक रूपाकारों में चित्रित किए जाने वाले यह गा ेदने देवताओं का े प्रसन्न
करने वाले सौभाग्य को प्रदान करने वाले तथा शरीर को स्वस्थ रखने वाले भी
होते ह ै। वहीं व ैज्ञानिक दृष्टिका ेण से देख ें ता े गा ेदना का चिकित्सीय महत्व भी
बह ुत अधिक ह ैप्गोदना का प्रयोग शरीर के अनेक स्थानों पर दर्द निवारक के
रूप में भी किया जाता है। ऐसे गोदना गोदने के पश्चात अनेक प्रकार की
जंगली जड़ी.ब ूटिया ें के रस का प्रयोग कर गा ेदना की भर्राइ  की जाती ह ैं,
जिससे दर्द समाप्त हो जाता ह ै। एक्यूप ंचर चिकित्सा पद्धति के रूप में हम
इसका विकसित रूप देख सकते ह ै।
गा ेदना विविध जनजातियों में प्रचलित ह ैं आ ैर विविध मान्यताआ ें के
साथ में प्रचलित होते ह ुए भी इसका महत्व वर्तमान समय मे भी प्रासंगिक बना
ह ुआ ह ै । इसी कारण यह आज वर्तमान में फ ैशन के रूप में टैटू के रूप में
प्रचलित ह ै। गुदने की उपादेयता के परिणाम स्वरुप ही इसका शोधात्मक
अध्ययन जनजातिया ें के एक संस्कार के रूप में ही नही ं अपितु चिकित्सकीय व
व ैज्ञानिक महत्व के कारण भी किया जाना आवश्यक ह ैं। उपरा ेक्त लेख गोदना
गा ेदना विधि, उसके प्रकार, उसका वितरण तथा उसके महत्व का व्याख्यात्मक
विवरण है।

Tattooing among tribals may appear to be an adornment rite, but it has contained diverse perspectives. In a protective view, tattooing is the expression that expresses the person in a protective sense in the form of caste symbols. At the same time, in the social perspective, it is related to the feelings of belonging to the community, the concepts of respect in society, the concept of aesthetic growth, and supernatural beliefs and beliefs. These tattoos, depicted in traditional designs, provide good luck to the gods and also keep the body healthy. At the same time, from the scientific point of view, the medical importance of tattoo is also very high. Hapgodana is also used as a pain reliever in many places of the body. After such tattoo, tattooing is done using the juice of many wild herbs, which ends the pain. We can see its evolving form as an acupuncture therapy. Tattooing is prevalent among various tribes and despite being prevalent with diverse beliefs, its importance remains relevant even in the present times. For this reason, it is presently as fashionable as tattoo. As a result of the usefulness of Gudane, it is necessary to study it not only as a ritual of tribes but also due to its medical and scientific importance. The above article is an explanatory description of the tattooing method, its type, its distribution and its importance.

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