शिक्षण के पहिए: शिक्षण प्रतिमान Teaching Wheels: Teaching Paradigms
Anthology The Research:(ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-8* November-2020)
Paper Submission: 15/11/2020, Date of Acceptance: 26/11/2020, Date of Publication: 27/11/2020
राजेन्द्र कुमार यादव
प्राध्यापक,
शिक्षा विभाग,
ग्राम्यांचल पी.जी. कलेज
हैदरगढ़, बाराबंकी,
उ.प्र., भारत
प्राध्यापक,
शिक्षा विभाग,
ग्राम्यांचल पी.जी. कलेज
हैदरगढ़, बाराबंकी,
उ.प्र., भारत
Abstract
सीखने सिखाने की व्यवस्थाआ ें को उन्नतशील, रोचक व बोधगम्य
बनाने के लिए अनेकानेक युक्तिया ें व उपायों का प ्रयोग किया जाता रहा है।
इन्ही उपायों में से एक उपाय शिक्षण प्रतिमान या टीचिंग माॅडल ह ै। इन
शिक्षण प्रतिमाना ें के सहारे हम शिक्षण को बोधगम्य बनाते ह ै, साथ ही शिक्षण
का े रा ेचक बनाते ह ै ं। प ्रभावी शिक्षण के द्वारा वास्तविक सृजन हो जाता ह ै।
महान शिक्षाशास्त्री भ् ब् ॅलसक कहते ह ै कि ‘‘ किसी आदर्श के अनुरूप व्यवहार
का े ढालने की प ्रक्रिया को शिक्षण माॅडल माना जाता ह ै।‘‘
महान दार्शनिक महात्मा गा ंधी अपना अनुभव बताते ह ुए कहते ह ै ं कि
मेरे जीवन पर राजा हरिश्चन्द्र नाटक का प्रभाव रहा है। एक आदर्श जो मुझ े
प ूरे जीवन प्रभावित करता रहा ह ै। मेरे लिए ब ेहतर सीख साबित ह ुई। महान
दार्श निक सुकरात ने प ्रश्नों के द्वारा शिक्षण को गति प ्रदान करने की बात
बताई ह ै। अर्थात प ्रश्नों का े टीेचिंग माॅडल के रूप में व्यवस्थित करने की बात
बताई ह ै। रिचर्ड सचमैन ने पूछताँछ माॅडल प ्रतिपादित करके शिक्षण प ्रतिमान
की उपया ेगिता शिक्षा के पहिये के रूप में की ह ै। जा े शिक्षण में गति के साथ
चेतना लाने का कार्य करता ह ै।
बनाने के लिए अनेकानेक युक्तिया ें व उपायों का प ्रयोग किया जाता रहा है।
इन्ही उपायों में से एक उपाय शिक्षण प्रतिमान या टीचिंग माॅडल ह ै। इन
शिक्षण प्रतिमाना ें के सहारे हम शिक्षण को बोधगम्य बनाते ह ै, साथ ही शिक्षण
का े रा ेचक बनाते ह ै ं। प ्रभावी शिक्षण के द्वारा वास्तविक सृजन हो जाता ह ै।
महान शिक्षाशास्त्री भ् ब् ॅलसक कहते ह ै कि ‘‘ किसी आदर्श के अनुरूप व्यवहार
का े ढालने की प ्रक्रिया को शिक्षण माॅडल माना जाता ह ै।‘‘
महान दार्शनिक महात्मा गा ंधी अपना अनुभव बताते ह ुए कहते ह ै ं कि
मेरे जीवन पर राजा हरिश्चन्द्र नाटक का प्रभाव रहा है। एक आदर्श जो मुझ े
प ूरे जीवन प्रभावित करता रहा ह ै। मेरे लिए ब ेहतर सीख साबित ह ुई। महान
दार्श निक सुकरात ने प ्रश्नों के द्वारा शिक्षण को गति प ्रदान करने की बात
बताई ह ै। अर्थात प ्रश्नों का े टीेचिंग माॅडल के रूप में व्यवस्थित करने की बात
बताई ह ै। रिचर्ड सचमैन ने पूछताँछ माॅडल प ्रतिपादित करके शिक्षण प ्रतिमान
की उपया ेगिता शिक्षा के पहिये के रूप में की ह ै। जा े शिक्षण में गति के साथ
चेतना लाने का कार्य करता ह ै।
Numerous tips and measures have been used to make the
teaching and learning systems advanced, interesting and understandable.
One of these measures is the teaching model or teaching model. With the
help of these learning patterns, we make learning comprehensible, while
also making learning interesting. Real creation is created through
effective teaching. The great pedagogue, Blesch, states that "The
process of adapting behavior to an ideal is considered a teaching model."
The great philosopher Mahatma Gandhi describes his experience
and says that the drama of King Harishchandra has been influenced by
my life. An ideal that has influenced me all my life. Proved to be a better
learning for me. Socrates, the great philosopher, has given the question
to give impetus to teaching. That is to say, to organize the questions as a
teaching model. Richard Sachman has used the teaching paradigm as a
wheel of education by presenting a model of inquiry. Which works to bring
consciousness with speed in learning.
for full paper
please visit below link :
http://www.socialresearchfoundation.com/upoadreserchpapers/7/391/2101160448551st%20rajendra%20kumar%20yadav%2013327.pdf
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