किशोरों के लि, शि{ाक और अभिभावक की भ ूमिका Role of Teacher and Parent For Adolescents.
Anthology The Research:( ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-5* Issue-5* August-2020
शोधार्थी
शिक्षाशास्त्र विभाग,
जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी,
जयपुर, राजस्थान, भारत
शुभा व्यास
प्रोफेसर
शिक्षाशास्त्र विभाग,
जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी,
जयपुर, राजस्थान, भारत
प्रोफेसर
शिक्षाशास्त्र विभाग,
जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी,
जयपुर, राजस्थान, भारत
Abstract
माता-पिता एवं शिक्षका ें द्वारा उनकी आवश्यकताओ और समस्याओं से परिचित
होकर उनकी संतुष्टि आ ैर निराकरण के लिए विशेष प्रयत्न की आवश्यकता ह ै।
इस अवस्था में शोर- किशोरी बह ुत संव ेदनशील होते ह ै ं। उनमें भय, प्रेम, चिंता,
क्रोध, ईष्र्या, आक्रोश इत्यादि संवेद बह ुत तीव ्र होते ह ै ं। आत्मसम्मान की भावना
बड़ी प्रबल हा ेती ह ै साथ ही भविष्य एव ं केरियर का े लेकर चिंतित रहते ह ैं ।
उनकी आवश्यकताआ ें, क्षमताओं एवं रुचिया ें के अनुसार प्र ेरणा प्रदान करने तथा
समुचित लक्ष्य के निर्धा रण में माता-पिता एवं अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका
होती ह ै क्योंकि इनके द्वारा दिया गया निर्देशन या मार्गदर्श न किशोरा ें के
सर्वांगीण विकास करने में अहम भूमिका निभाता ह ै।यह लेख शोध शीर्ष क
झारखण्ड के उच्चतर माध्यमिक स्तर के किशा ेर विद्यार्थि यों के अभिभावक श ैली
का उनकी आक्रामकता एवं श ैक्षिक उपलब्धि के सन्दर्भ में अध्ययन का एक
सारांश ह ै।
For the proper development of the personality of children in
adolescence, special efforts are needed by parents and teachers for their
satisfaction and resolution after becoming aware of their needs and
problems. In this stage, adolescents are very sensitive. In them, feelings
of fear, love, anxiety, anger, jealousy, resentment, etc. Are very intense.
The feeling of self-esteem is very strong and at the same time, we are
worried about the future and career. Parents and teachers have an
important role in providing motivation and setting appropriate goals
according to their needs, abilities and interests, because the guidance
provided by them plays an important role in the all round development of
adolescents. A summary of the study of parental style of adolescent
students of higher secondary level in Jharkhand in terms of their
aggression and academic achievement.
for full paper please visit below link :
http://www.socialresearchfoundation.com/upoadreserchpapers/7/378/2011050811361st%20gayatri%20kumari.pdf
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