का ंगड़ा श ैली के नल-दमयन्ती चित्रो ं की विशेषताए Features of Kangra Style Nal-Damayanti Paintings
Shrinkhla Ek Shodhparak Vaicharik Patrika ISSN NO.: 2321-290X RNI : UPBIL/2013/55327 VOL-8* ISSUE-10* June- 2021
Paper Submission: 03/06/2021, Date of Acceptance: 14/06/2021, Date of Publication: 25/06/2021
सा ेनाली गुप्ता
शोध छात्रा,
चित्रकला विभाग,
दयालबाग शिक्षण संस्थान
(डीम्ड विश्वविद्यालय),
आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
शोध छात्रा,
चित्रकला विभाग,
दयालबाग शिक्षण संस्थान
(डीम्ड विश्वविद्यालय),
आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
Abstract
सम्मुख प्रस्तुत करती ह ै। मनुष्य मना ेवैज्ञानिक आ ैर सामाजिक कारणों से अपने
चारा ें ओर के वातावरण का े व्यवस्थित करना चाहता ह ै। एक अच्छे संया ेजन में
विविधता में एकता होती ह ै। विविधता की दृष्टि से संया ेजनात्मक तत्वों को
व्यवस्थित करक े कलाकार एकता स्थापित करता है यानि संया ेजन करता ह ै।
काव्य का चित्रकला में रूपा ंतर ही संया ेजन के तत्वों के साथ कांगड ़ा
श ैली की विशेषताएं अद्वितीय गुण है। इन चित्रों का े देखकर सहज ही संतुलन
व लयात्मकता का प ्रतीक कहा जा सकता ह ै। यह वह कला ह ै जो मन को
सुखकर प्रतीत होती ह ै आ ैर आत्मा को ऊँचा उठाती है। लेखिक ने
नल-दमयन्ती कथानक के चित्रा ें की विशेषताओं का अध्ययन करने का प ्रयास
किया है।
Art presents the elements in front of us systematically according
to its medium. Man wants to organize the environment around him for
psychological and social reasons. In a good combination there is unity in
diversity. By arranging the compositional elements with a view to
diversity, the artist establishes unity. The transformation of poetry into
painting itself with elements of combination is the unique quality of the
Kangra style. Seeing these pictures, it can easily be called a symbol of
balance and rhythm. It is that art which seems to please the mind and
elevates the soul. Author will try to characterize the pictures of the NalDamayanti story.
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