पूर्वमध्यकाल मे ं नारी की स्थिति (सन् 700 ई॰ से 1200 ई॰ तक) Status of women During the Early MedievalPeriod (From 700 AD to 1200 AD)
Anthology : The Research ISSN: 2456–4397 RNI No.UPBIL/2016/68067 Vol-6* Issue-3* June- 2021
Paper Submission: 02/06/2021, Date of Acceptance: 15/06/2021, Date of Publication: 25/06/2021
अरविन्द कुमार चौधरी
पूर्व शोध छात्र
प्राचीन इतिहास,
डॉ0 राम मनोहर लोहिया अवध
विश्वविद्यालय,
अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत
पूर्व शोध छात्र
प्राचीन इतिहास,
डॉ0 राम मनोहर लोहिया अवध
विश्वविद्यालय,
अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत
Abstract
स्त्रिया ें के अधिकारों में त ेजी से कमी आती जा रही थी आ ैर स्त्रिया ें की स्थिति
घरा े के चाहरदिवारी में घिरती जा रही थी। उनकी शिक्षण व्यवस्था दयनीय हो
गयी थी। कतिपय उच्च घरों की स्त्रिया ें या राजवंशा ें की स्त्रिया ें को ही शिक्षा
प ्राप्त करने का अधिकार प्राप्त होता था। बालविवाह, सती प्रथा, बह ु-विवाह
आदि कुप्रथाएं प ्रचलित हो गयी थी। स्त्रियाँ सम्पत्ति से भी वंचित हो गयी थी
विधवाओं का जीवन अभिशाप बन चुका था आ ैर वे नाना प्रकार की सामाजिक
अवमाननाओं से प ्रताड़ित हा ेती थी।
In the pre-medieval period, the patriarchal position in the families
remained strong. The rights of women were decreasing rapidly and the
status of women was getting surrounded within the boundaries of the
houses. His education system had become pathetic. Only the women of
certain high houses or dynasties had the right to receive education. Child
marriage, Sati system, polygamy etc. had become prevalent. Women
were also deprived of property, the life of widows had become a curse
and they were harassed by various types of social contempt
http://www.socialresearchfoundation.com/upoadreserchpapers/7/437/2107241133361st%20arvind%20choudhary%2014499.pdf
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